
रोकी गई केदारनाथ यात्रा सुचारू, मानसून शुरू होते ही घटने लगी यात्रियों की संख्या
मानसून की फुहारों के साथ ही केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने लगी है। पिछले दस दिनों से धाम में दर्शनार्थियों की संख्या औसतन पांच हजार तक पहुंच गई है।उत्तराखंड में मौसम खराब बना हुआ है। वहीं बारिश के चलते केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग में रोक दिया गया था।
इससे पहले सुबह आठ बजे तक सोनप्रयाग से 4953 श्रद्धालुओं को धाम के लिए रवाना किया गया। जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल मार्ग पर यात्रा सुचारू है, लेकिन बारिश के कारण सोनप्रयाग में यात्री रोके गए गए थे। दोपहर को बारिश रुकने पर यात्री भेजे जा रहे हैं।मानसून की फुहारों के साथ ही केदारनाथ यात्रा में यात्रियों की संख्या कम होने लगी है। पिछले दस दिनों से धाम में दर्शनार्थियों की संख्या औसतन पांच हजार तक पहुंच गई है। साथ ही यात्रा के पहले चरण की कारोबारी गतिविधियां भी बंद हो गई है जिससे धाम से सैकड़ों टेंट संचालक भी लौट आए हैं। दूसरी ओर, आठ हेली कंपनियों में से दो ही रह गई है।
सोनप्रयाग में चहलपहल कम हो गई है। केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण ने बताया कि दस दिनों से यात्रियों की संख्या कम हो गई है। श्रीकेदार होटल एसोसिएशन के सचिव नितिन जमलोकी ने बताया कि रिकार्ड श्रद्धालुओं में पहुंचने के बाद भी उम्मीद के हिसाब से कारोबार नहीं चला।
सरकार द्वारा बार-बार केदारनाथ के लिए पंजीकरण व्यवस्था पर रोक के चलते होटल कारोबारियों को रूटीन और एडवांस बुकिंग नहीं मिल पाई। टेंट कारोबार से जुटे विनोद राणा, संदीप भट्ट, पवन राणा, जगदीश राणा का कहना है कि लिनचोली से केदारनाथ तक टेंटों में कम ही यात्री ही ठहरे। बीते एक पखवाड़े में काफी टेंट संचालक धाम से लौट चुके हैं।