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आपदाओं और हादसों के नाम रहा है अगस्त का यह महीना
20 अगस्त को गंगोत्री हाईवे पर बस खाई में गिरने से गुजरात के सात तीर्थ यात्रियों की मौत हुई और 28 घायल हुए। 21 अगस्त को टिहरी जिले के चंबा में टैक्सी स्टैंड पर हुए भूस्खलन में मलबे में दबकर चार लोगों की मौत हो गई।
उत्तराखंड के लिए अगस्त माह आपदाओं और हादसों का महीना रहा। ज्यादातर हादसे भूस्खलन और भारी बारिश के कारण हुए। एसडीसी फाउंडेशन की हर माह जारी होने वाली उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनोप्सिस (उदास) रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में उत्तराखंड आपदा प्रबंधन तंत्र की कमजोर कड़ियों को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया है
फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि तीन अगस्त को रुद्रप्रयाग जिले में गौरीकुंड के पास पहाड़ी का मलबा सड़क किनारे दुकानों पर गिर गया। एक ढाबा और दो दुकानें मलबे के साथ मंदाकिनी में समा गए। इस घटना में कम से कम 23 लोगों की मौत की आशंका है।
एक दिन बाद ही टिहरी के मरोड़ा गांव में एक घर में मलबा घुस गया और 10 व 12 वर्ष के भाई-बहन की मौत हो गई। आठ अगस्त को रुद्रप्रयाग के गौरी गांव में झोपड़ी में रह रहे नेपाली परिवार के दो बच्चों की मलबे में दबकर मौत हो गई। दो दिन बाद फिर रुद्रप्रयाग जिले में एक कार पर पहाड़ी का मलबा गिर गया और पांच तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई।